देखा जो खिड़की के बाहर, पाया आज फिर वही रात है,
फिर वही बरसात , फिर वही जज़्बात है |
ज़िन्दगी ले आई आज फिर उसी राह पे मुझे,
बस जो न मिल पाया वो तेरा साथ है |
मौसम बदला, बदली ये फ़िज़ाए,
पर ये हाथ ढूढंता आज भी तेरा हाथ है |
फिर तो हज़ार कोशिशें करके भी ना आ पाए उतने करीब हम,
अब तो बस ये भटकती यादें ही तेरे प्यार की सौगात है |
देखा जो खिड़की के बाहर, पाया आज फिर वही रात है,
फिर वही बरसात , फिर वही जज़्बात है ,
मीलों हैं फासले दरमियाँ में अब तो,
हाँ ये हाथ ढूंढता आज भी तेरा ही हाथ है..
फिर वही बरसात , फिर वही जज़्बात है |
ज़िन्दगी ले आई आज फिर उसी राह पे मुझे,
बस जो न मिल पाया वो तेरा साथ है |
मौसम बदला, बदली ये फ़िज़ाए,
पर ये हाथ ढूढंता आज भी तेरा हाथ है |
फिर तो हज़ार कोशिशें करके भी ना आ पाए उतने करीब हम,
अब तो बस ये भटकती यादें ही तेरे प्यार की सौगात है |
देखा जो खिड़की के बाहर, पाया आज फिर वही रात है,
फिर वही बरसात , फिर वही जज़्बात है ,
मीलों हैं फासले दरमियाँ में अब तो,
हाँ ये हाथ ढूंढता आज भी तेरा ही हाथ है..